Thursday, July 19, 2012

बिछड़े सभी बारी-बारी ..


मेरे घर से तुमको कुछ सामान मिलेगा , दीवाने शायर का एक दीवान मिलेगा और एक चीज़ मिलेगी..टूटा ख़ाली जाम ..फिल्म नमक हराम में रज़ा मुराद के आखि़री पलों में गाते हैं राजेश खन्ना। सबकी आंख नम हो जाती हैं। इससे पहले आनंद में और उससे भी पहले सफ़र फि़ल्म में उन्होंने ऑडियंस को ज़ार ज़ार रुलाया। बाद में उन्होंने कहा-आई हेट टियर्स..लेकिन वे तब तक अनगिनत आंखों में आंसू रोप चुके थे। लोगों ने खुलकर गाया-मेरे सपनों की रानी:::::लेकिन वे नहीं भूले उस उदासी और बेबसी को जो राजेश खन्ना ने पर्दे पर दिखाकर अपने लिए दिलों में एक खास जगह बना ली थी। .ये उनकी सबसे ऊंची परवाज का दौर था। वे जो गाते, वो हर ज़बान पर होता। जो पहनते वो सबकी जिंदगी का हिस्सा बनता। उनकी एक झलक के लिए पब्लिक की दीवानगी इस तरह सामने आती कि अफ़साने बन जाते। लेकिन सबसे ऊंची शाख़ पर बैठे परिंदे को भी कभी नीचे आना पड़ता है। राजेश खन्ना भी बुलंदी से उतरे। ऊंचाई जिस तेजी से  मेले सजाती है ढलान उसी रफतार से अकेलापन सौंपती जाती है। बाद में रह जाती हैं अच्छे दिनों की कहानियां।  राजेश खन्ना की जि़दगी में भी दौलत, शोहरत, मुहब्बत और तोहमतों की कहानियां थीं लेकिन ..सुनने वाले धीरे-धीरे महफिल से उठते जा रहे थे। बारी-बारी बिछड़ते दोस्त और अजीज़ों को उन्होंने किस तरह रुकने को कहा होगा पता नहीं लेकिन जो सामने आया वो थी तन्‍हाई।  काका अपने घर में अकेले रह गए थे। साथ रह गया था जाम। ये जाम भरता तो भरता ही जाता। रोकने वाला कोई हाथ वहां था ही नहीं। यही वजह थी कि पिछले दिनों जब वे पहली बार अस्पताल लाए गए तो उससे कई दिन पहले खाना-पीना छोड़ चुके थे। यक़ीनन ऐसी हालत अकेलेपन का ही नतीजा थी।

आख़री पलों में डिंपल फिर एक बार उनके साथ थीं। जाम पीछे रखा जा चुका था। अपनी तन्हाई की गिरह को खोलते-बांधते उन्होंने जो बातें जाम सामने रखकर की थीं उनकी गूंज को डिंपल ने जरूर सुना होगा, लेकिन अब तक देर हो चुकी थी। यूं भी गूंज, कहे हुए शब्दों को ज्यों का त्यों अभिव्यक्त नहीं कर सकती। ख़ामोशी में राजेश खन्ना ने कहा-मैं सोचता था मेरा नाम गुनगुना रही है वो, लेकिन सचमुच क्या वे कह पाए जाते-जाते, किसी को नहीं पता। जिसे पता है वो है बेजु़बान जाम जो न केवल खाली है बल्कि अब टूटा हुआ भी। लोग राजेश खन्ना को याद रखेंगे। वे उन सारे गीतों को भी याद रखेंगे जिन्होंने कभी मुस्कान दी तो कभी आंसू लेकिन ख़ाली टूटा जाम भुला दिया जाएगा। इस भुलाए जाने को याद रखते हुए भी ये  फिर किसी कलाकार की जिंदगी में दाखिल होगा चुपचाप उसका साथी बनने के लिए, इसे अजीब किस्म की अमरता जो हासिल है।

5 comments:

अति Random said...

उनकी जिंदगी लंबी बेशक न हो..बड़ी जरूर थी...बिल्कुल वैसी ही जैसा उन्होंने कहा था...
हम तो उनके बारे में कुछ कहने के लिए भी बहुत नाकाबिल हैं..

अति Random said...

उनकी जिंदगी लंबी बेशक न हो..बड़ी जरूर थी...बिल्कुल वैसी ही जैसा उन्होंने कहा था...
हम तो उनके बारे में कुछ कहने के लिए भी बहुत नाकाबिल हैं..

के सी said...

मार्मिक.

indianrj said...

जानलेवा!!

indianrj said...

जानलेवा!!