tag:blogger.com,1999:blog-6038993965788171101.post1554957046527354898..comments2023-07-20T09:58:18.954+05:00Comments on उनींदरा: हमारे सपनों की भाषा क्या है....शायदाhttp://www.blogger.com/profile/17484034104621975035noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-6038993965788171101.post-7226340824006712772009-10-11T09:25:25.449+06:002009-10-11T09:25:25.449+06:00contd....?
सोच रहा था आगे भी पढ़ लूं तो कमेन्ट करूं...contd....?<br />सोच रहा था आगे भी पढ़ लूं तो कमेन्ट करूं पर इन्तजार काफी लम्बा हो गया इसलिए फिलहाल इतना ही कहूँगा....मां अलग कहां होतीं हैं ?<br />और भाषायें ? क्या उनके मकसद में कोई फ़र्क है ?उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6038993965788171101.post-51484496555498776742009-09-27T22:47:40.012+06:002009-09-27T22:47:40.012+06:00मां तो मां ही होती है
भाषा चाहे सच हो
या सपनों की
...मां तो मां ही होती है<br />भाषा चाहे सच हो<br />या सपनों की<br />इसमें नहीं होता<br />कोई भेद<br />कैसे भी लिख लो इसे<br />कैसे भी लो इसे भेद।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.com