लोगों को सोने से रोकना बहुत भयानक होता है...इससे वे पागल हो सकते हैं। मुझसे यह बर्दाश्त नहीं होता, सात साल हो गए मैं सड़ रही हूं, यहां बिलकुल अकेली, एक अछूत की तरह और वह गंदा झुंड हंस रहा है मुझ पर...इतने ऋणी तो तुम मेरे हो कि बदला लेने में मेरी मदद करो। मुझे कहने दो...जानते हो, मेरे ढेरों क़र्ज़ हैं तुम पर, क्योंकि तुम्हीं ने मुझे प्यार में पागल होने का झूठ दिया। मैंने फ़लोरेंत को छोड़ा, दोस्तों से बिगाड़ी और अब मुझे यूं चित्त छोड़ जाओगे...तुम्हारे सारे दोस्त मेरी ओर देखते ही पीठ फेर लेते हैं। तुमने मुझसे प्यार का नाटक क्यों किया। कभी-कभी मैं सोचती हूं, कहीं वह साजि़श तो नहीं थी...हां, एक साजि़श। इस पर बिलकुल विश्वास नहीं होता, वह हैरतअंगेज़ प्यार और अब मुझे छोड़ देना...क्या तुम्हें इसका अहसास नहीं होता...।
मुझे फिर से यह मत बताओ कि मैंने लालच में तुमसे ब्याह किया, मेरे पास फ़लोरेंत था। मुझे ठेला भर लोग मिल सकते थे, और साफ़ समझ लो कि तुम्हारी पत्नी बनने के ख़याल से मैं क़तई चमत्क्रत नहीं हुई...तुम नेपोलियन नहीं हो। तुम जो कुछ सोचते हो मुझे फिर कभी मत बताना, वरना मैं चिल्लाऊंगी। तुमने कहा कुछ भी नहीं है, पर मैं तुम्हें मुंह ही मुंह में उन लफ़ज़ों को चुभलाते सुन सकती हूं। यह झूठ है, यह बहुत बड़ा झूठ है चिल्लाने का मन होता है। तुमने मुझे प्यार में पागल होने की बकवास सुनाई और मैं उसके चक्कर में आ गई...नहीं बोलो नहीं। सुनो, मुरियेल मेरे लिए मुझे तुम्हारे जवाब याद हो गए हैं। तुम उन्हें सैकड़ों बार दोहरा चुके हो। हंसो मत, इससे मेरे भीतर अब कुछ नहीं उतरता। ये गु़स्सैल निगाह अपने पास रखो...हां मैंने कहा, गु़स्सैल निगाह, मैं तुम्हें रिसीवर में से देख सकती हूं....।
.....................
एक गुमशुदा औरत की डायरी-सिमोन द बोउवा की लंबी कहानियां से
अनुवाद ललित कार्तिकेय।
शाम भर चांद-फि़ज़ा प्रसंग से जूझते हुए देर रात इस इस किताब को पढ़ने के बाद यूं ही सी पोस्ट।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
6 comments:
बहुत सुन्दर।
सिमोन द बोउवा की लेखनी से परिचय कराने का आभार।
वैसे जहॉं तक नींद की बात है, तो वह दुनिया की सबसे प्यारी चीज है, मुझे भी खुल कर आती है।
हंसो मत, इससे मेरे भीतर अब कुछ नहीं उतरता।..
बहुत सार्थक पंक्तियाँ चुनी है आपने इस प्रसंग के लिए ...शुक्रिया ..
bas waah hi kah paaungi is epadh ke samajh paane men bhi samay lagta hai na
jaise lagta hai ki sab kuchh hamare liye hi likh rahi hai.n aap.....bahut khoob
yoon hee see ye post yoon hee si nahi hai...saarpoorn hai
well written...really touching lines...keep writing the same...
would like to know that, which application are u using for typing in Hindi..? is it user friendly...? i was searching for the same and found 'quillpad'.do u use the same...?
Post a Comment