दिवाली मनाना हमेशा आपके हाथ में ही होता है क्या... कभी आप दिये लेकर बैठे रह जाते हैं और देहरी तक पहुंच नहीं पाते, कभी देहरी पर बैठे रात गुज़र जाती है और दिये ही राह भूल जाते हैं...लेकिन नीयत नेक हो तो अंधेरा एक दिन भाग ही जाता है, कम से कम मुझे इस पर बहुत भरोसा है। आज एक नेक नीयत इंसान का दिवाली कार्ड मिला, मेरा भरोसा और ज्यादा गहरा हो गया।
कार्ड के साथ इमरोज़ ने एक छोटा सा ख़त लिखा है-
डियर शायदा
ख़याल भी सच हो जाते हैं,
आम जिंदगी में
जिंदगी के
मुश्किल से एक दो फूल खिलते हैं
पर मुहब्बत की जिंदगी में
जिंदगी के सारे के सारे फूल
जिंदगी भर खिले रहते हैं
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12 comments:
ek khoobsurat khayal = roshni ka ek diya...
खयाल होते ही है सच होने के लिये
बढ़िया अभिव्यक्ति . ख्याल तो बस ख्याल होते है . बधाई
एक सुन्दर ख्याल।
बढ़िया अभिव्यक्ति
बहुत सुंदर।
ख्याल सच नहीं होते तो ख्याल की अहमियत कैसे होती ?
khayal ka rishta to dil ki band tah se hota hai jahan wo aseem sambhanao k taykhane me band hote hai, agar khul jaye to duniya hi badal jaye.....bahut khubsurat khayal hai.
पर मुहब्बत की जिंदगी में
जिंदगी के सारे के सारे फूल
जिंदगी भर खिले रहते हैं
jee.......... bahut hi sunder khyaal hai ..........
haan! yeh to hai ki khyaal bhi sach ho jaate hain.......... aisa maine dekha bhi hai....
बेहतरीन बात, बेबाक बातें, खूबसूरत ख्याल
पर मुहब्बत की जिंदगी में
जिंदगी के सारे के सारे फूल
जिंदगी भर खिले रहते हैं
वाकई खुबसूरत! सब कुछ....
इस नेक नीयत इंसान को हमारा सलाम । और आपको इस से हमारा इस तरह परिचय कराने के लिये ।
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